भूतान प्रदेशी ख़ुशी, कशी हा कुशी हिमालय देई
नीरव प्रसन्न शीतल जल अन प्रसन्न वनराई
कवण विराजे प्रासादी हे सौख्य कवण घेई?
सौंदर्य दिसे तव धरणीमाते हे ठायी ठायी
नीरव प्रसन्न शीतल जल अन प्रसन्न वनराई
कवण विराजे प्रासादी हे सौख्य कवण घेई?
सौंदर्य दिसे तव धरणीमाते हे ठायी ठायी
M. P. Thatte
11-07-2012
No comments:
Post a Comment